डिमेंशिया ( dementia) जिसे हम मनोभ्रंश भी कहते है। मनोभ्रंश में अक्सर लोगो की यादाश्त पर असर पड़ता है। ये कोई बीमारी नहीं है और इसके लिए आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत भी नहीं है। ज्यादातर ये बड़े उम्र के लोगो में पाया जाता है।
एक रिसर्च के मुताबिक 35 साल की उम्र से ज्यादा लोगो में डिमेंशिया के cases ज्यादा मिले है अब तक। लेकिन, 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगो में ज्यादा दिखता है।
डिमेंशिया के मरीज फिजिकल तरीके से फिट हो सकते है पर इनके दिमाग की हालत कमजोर होती है।
जब किसी इंसान के दिमाग में या उसके मस्तिष्क हिस्से में कोई अंदुरूनी चोट लगने के कारण उसके व्यवहार में कोई बदलाव दिखे तो उस व्यवहार को आमतौर पर हम मनोभ्रंश (Dementia) कहते है। मनोभ्रंश सिर्फ एक समस्या है,कोई बीमारी नहीं।
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आज हम मनोभ्रंश यानी की Dementia के बारे में बात करेंगे। डिमेंशिया क्या है? कैसे पता करे की किसी को डिमेंशिया है या नही, इसके लक्षण क्या क्या है? Dementia कितने प्रकार के होते है? और डिमेंशिया के घरेलू एवम क्लिनिकल उपचार क्या है?
डिमेंशिया क्या है? (What is Dementia ?)
Dementia दो शब्दो से मिलकर बना है। De मतलब कम होते जाना या डाउन fall होना। और mentia मतलब mind या मेंटल एबिलिटी का कम होना। डिमेंशिया के मरीज रोज मरा की जिंदगी में होने वाली चीजों से भी एफेक्ट हो जाते है। और ये छोटी छोटी चीजों को भूलने लगते है। जैसे की गैस ऑन करके ऑफ करना भूल जाना, गाड़ी की चाबी कहां रखी है, अपनी निजी सामान कहा रखा इत्यादि।
मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) से ग्रसित लोगो को बोलने में भी थोड़ी दिक्कत आती है। और इसकी वजह से व्यक्तित्व पर भी असर पड़ सकता हैं। मनोभ्रंश (डिमेंशिया) के कारण शारीरिक बदलाव होते है उसकी वजह से सोच, मनोभाव, और विचार में भी बदलाव देखने को मिल सकता हैं। अल्जाइमर रोग मनोभ्रंश (डिमेंशिया) के सबसे सामान्य टाइप है। मनोभ्रंश (डिमेंशिया) और भी अन्य प्रकार के होते है जैसे की नाड़ी संबंधी डिमेंशिया, लुई बाड़ीस डिमेंशिया, फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया भी है।
कई लोगो को अलग अलग धरना बन जाती है की पागलपन(insanity) को डिमेंशिया (मनोभ्रंश) कहते है। पर ये सच नही है। मंदबुद्धि (Mental Retardation) होना भी मनोभ्रंश ( dementia) नही है। संकल्प प्रलाप (delirium), या अमनेशिया ( स्मृतिलोप, स्मृतिभ्रंश, Amnesia) भी होना मनोभ्रंश होना नही है। उन्माद (Delirium) होना डिमेंशिया नही है।
डिमेंशिया के लक्षण क्या है? (Symptoms of Dementia)
मनोभ्रंश के कई लक्षण हो सकते है। और मनोभ्रंश के लक्षण कई वजहों से पैदा हो सकता है। क्योंकि हम सभी दिमाग पर डिपेंड रहते है और मनोभ्रंश (dementia) का रोग मस्तिष्क से रिलेटेड है। और इस वजह से डिमेंशिया के मरीजों की हालत साल दर साल खराब ही होती जाती है। जिसके बाद उन्हें छोटी छोटी चीजों में दिक्कत आने लगती हैं। जैसे बात करना, खाना चबाना, खाना निगलने में, इत्यादि।
मनोभ्रंश (dementia) से ग्रसित लोग अजीब अजीब सी हरकत करने लगते है। जैसे गुस्सा करना बिना बात के, सहम जाना इत्यादि। लोगो को लगता है की बुढ़ापे के कारण ऐसा हो रहा है। पर मनोभ्रंश और उम्र का ज्यादा ताल्लुक नहीं है।
और भी ऐसी लक्षण है जिससे पता करना आसान है की मनोभ्रंश से ग्रसित है या नही।
Note: ये जानना बहुत जरूरी है की नीचे बताए हुए सारे लक्षण एक इंसान में पाए ही जाए। या अगर कोई लक्षण किसी में पाया जाता है तो उसे मनोभ्रंश ( dementia) ही हो। अलग अलग इंसान में अलग अलग लक्षण पाए जाते है। इसलिए खुद से कभी कोई डिसीजन पर ना आए। हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही दवाई ले या उन्ही की बात माने।
कुछ सामान्य लक्षण जो पाए जाते है:-
- धीरे धीरे यादस्त कम होते जाना।
- किसी बात को दोहराना।
- किसी जाने हुए काम को करने में परेशानी होना।
- निर्णय लेने में दिक्कत महसूस होना।
- व्यक्तित्व में बदलाव होना।
- आचरण या स्वभाव में चेंज होना।
- बोलने में दिक्कत महसूस करना।
- वाहन चलाने में दिक्कत होना।
- कोई भी समान कही पर भी रख देना।
मनोभ्रंश से ग्रसित लोगो का दिमाग की हालत और बिगड़ने लगती है। और जिसकी वजह से उन्हें हर दिन की दिनचर्या में होने वाली जरूरतों के लिए दुसरो का सहारा लेना पड़ता हैं।
अन्य लक्षण:-
- खाना खाया या नही, शौच गया की नही ये तक भूल जाना।
- छोटी छोटी समस्या को नही सुलझा पाना।
- साफ सफाई का ध्यान नही रख पाना।
- यह तक भूल जाना को आज का दिन कौन सा है। या कौन सा महीना है, कौन सी तारीख है। या वो कौन से साल में है या किस देश में।
- नंबर जोड़ने या गिनने में दिक्कत महसूस करना।
- बोलते समय गलत बोल देना। या गली का प्रयोग कर देना।
- छोटी छोटी बात पर बिगड़ जाना। गुस्से में बौखला जाना।
- किसी काम की शुरुआत करना पर बाद में भूल जाना, और कोशिश करने पर भी याद न आना की क्या रू किया था।
- अपने आप में खोए रहना। ज्यादा किसी से बात ना करना। किसी की बात पर ध्यान न देना।
- बेवजह हर किसी पर शक करते रहना। मन में भ्रम पालना।
- जिद्द करना, रोने लग जाना। बिना बात के चिल्लाना।
- सामाजिक तौर तरीके भूल जाना।
मनोभ्रंश (Dementia) धीरे धीरे चिंता का विषय बन जाती है। इसका चरम सीमा तब होती है जब रोज होने वाली कामों में दूसरो की मदद की जरूरत पड़ने लग जाए। चीजों को भूलना मतिभ्रम (memory loss) के लक्षण भी हो सकते है। तो इसको मनोभ्रंश ना समझे। इस बात की पुष्टी डॉक्टर के जांच के बाद ही पता चल पाता है।
डिमेंशिया के कारण ( Causes of Dementia)
मनोभ्रंश (Dementia) होने के कारण के बारे में डॉक्टर्स ने कई कोशिश की पर अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। की मनोभ्रंश (dementia) किस वजह से होता है। डिमेंशिया होने के एक कारण नहीं बताए गए। मतलब अगर किसी को अल्जाइमर है तो इस बात से ये पुष्टि नहीं की जा सकती की उन्हे डिमेंशिया होगा ही। हां, बढ़ती उम्र, या फैमिली बैकग्राउंड की वजह से, या किसी चोट की वजह से, ये सारी वजह एक कारण बन सकती है डिमेंशिया होने के। दिमाग की कोशिकाएं एचआईवी(HIV), स्ट्रोक(Stroke), ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) वाले लोगो के भी छतिग्रस्त हो सकते हैं।
नाड़ी संबंधी डिमेंशिया जो होती है, वो दिमाग का खाना पहुंचने वाली नसों को छती करते है। और ये बिलकुल भी सही नही है। अगर कोई डायबिटीज (diabetes) का मरीज है, धूम्रपान करने वाले, या कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) जिनका ज्यादा है या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग को नाड़ी संबंधी डिमेंशिया हो सकती है।
आज हमने जाना की Dementia क्या है? और इसके लक्षण, और कारण क्या है। अगले पोस्ट में मैं आपको डिमेंशिया के types और ट्रीटमेंट के बारे में बताऊंगी। आशा है आपको मेरा आर्टिकल पसंद आई है।
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हॅलो डियर मेरा नाम हर्ष अंधारे है😍 आपने आर्टिकलं तो अच्छा लिखा है मगर आपका जो टायटल है ना उसमे आपने डिमेंशिया क्या है, लक्षण, और कारण लिखा है मगर इसाक उपाय नही लिखा है 🙄 आप आपके टायटल को और बढिया कर सकते हो और आपका यही आर्टिकलं टॉप 10 में ला सकती हो.. क्षमा चाहता हू मैने आपकी कमी निकाली इस लिए मगर मै किसीके आर्टिकलं पे कंमेंट नही करता लेकिन मुझे आपका पोस्ट लिंकेड पे दिखा इस लिए मै आपके ब्लॉग पे आया…. और आपका आर्टिकलं रीड किया….
थैंक यू सो मच की आप मेरे ब्लॉग पर आए और अपनी राय रखी, पर मैं इसका उपाय और कुछ पॉइंट्स अगले पोस्ट में पब्लिश करने वाली थी… और सॉरी बोलने जैसी कोई बात नही है। आपने अपनी राय रखी वो बहुत बड़ी बात है।