ओणम त्यौहार कहानी एवं पूजा विधि 2022 (Onam Festival In Kerala History, Date, Time In Hindi)
Onam festival 2022: जैसा की हम सब यह जानते है की भारत अपने बहुधर्म और संस्कृति के लिए जाना जाता है। हम भारतीयों की यही पहचान है और यही संस्कृति हमारे देश को और देशों से अलग बनाती है। धर्म अलग तो फेस्टिवल भी अलग मनाए जाते है। कुछ फेस्टिवल ऐसे होते है जिसे पूरा देश मनाता है तो कुछ ऐसे जिसे सिर्फ एक राज्य या कस्बा ही मानता है।
दीवाली, होली, ईद, बैसाखी, क्रिसमस, दुर्गा पूजा, ये कुछ ऐसे त्योहार है जिसे पूरा देश खुशी से मनाता है। ये उन प्रमुख त्योहार है जो हर एक भारतीय को दूसरे से जोड़ता है और आपस में प्रेम भाव को बनाए रखता है।
लेकिन, कोने कोने में एक ऐसा फेस्टिवल जरूर होता है जिसे ज्यादा मान्यता दी जाती है। जैसे कोलकाता में दुर्गा पूजा, पंजाब में बैसाखी और उसी तरह दक्षिण भारत के केरल मे Onam Festival. दक्षिण भारत में onam का त्योहार किसी दिवाली से कम नहीं। इसकी सबसे ज्यादा मान्यता केरल में दी जाती है।
Onam केरल का त्योहार है। इसे ज्यादातर किसानों के द्वारा मनाया जाता है। ओणम एक तरह से लोकल छूटी का दिन होता है। केरल में इसके लिए 4 दिन की छूटी दी जाती है। Onam festival की प्रसिद्धि इतनी है की वहां की सरकार ने इसे नेशनल फेस्टिवल घोषित कर दिया है।
ओणम का त्यौहार पूरे केरल में 10 दिनों तक मनाया जाता है. भारत सरकार के द्वारा onam त्यौहार को अन्तराष्ट्रीय लेवल पर बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे ओणम के वक्त अधिक से अधिक पर्यटक केरल भ्रमण कर सके. और अब इसका असर भी देखा जा रहा है। केरल को भगवान् का देश कहा जाता है, इसीलिए ओणम के दौरान पर्यटक का आना जाता अधिक हो जाता है।
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कब मनाया जाता है ओणम पर्व (Onam Festival 2022 Date)
Onam festival हिंदू कैलेंडर के हिसाब से नही बल्कि मलयालम सोलर कैलेंडर के अनुसार चिंगम महीने में मनाया जाता है। चिंगम इस कैलेंडर का पहला महीना है जो अगस्त-सितम्बर महीने में आता है। इसे सिम्हा महीना भी कहा जाता है। ओणम फेस्टिवल तब मनाया जाता है जब थिरुवोनम नक्षत्र चिंगम महीने में आता है। इस नक्षत्र को हिंदू कैलेंडर के हिसाब से श्रवना कहा जाता है।
इस साल 2022 में onam 30 अगस्त से शुरू हो कर 9 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस पूरे 10 दिन के त्योहार में थिरुवोनम दिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण और खास होता है, जिसे 8 सितंबर को मनाया जाएगा।
थिरुवोनम नक्षत्र तारीख शुरू – 7 दिसंबर को शाम 04:05 से,
थिरुवोनम नक्षत्र तारीख ख़त्म – 8 दिसंबर को दोपहर 01:40 तक
ओणम त्यौहार की महत्ता और क्यों मनाया जाता है (Significance of Onam festival in Kerala)
Onam festival को पुराने समय से मनाया जा रहा है। इसके साथ साथ केरल में धान की खेती और वर्षा के फूल का त्योहार भी मनाया जाता है। onam मनाने के पीछे की कहानी राजा महाबली और भगवान विष्णु से जुड़ी है। यह त्योहार राजा महाबली के सम्मान देने का प्रतीक है।
केरल के लोगो का ऐसा मानना है की हर साल राजा महाबली अपनी प्रजा का हालचाल, उनकी खुशी के लिए आते है। और जो भी तकलीफ होती है वो उन्हे अपने साथ ले जाने के लिए आते है। यह त्योहार एक तरह से अपने रहा के प्रति श्रद्धा को भी दर्शाता है।
Onam 2022 के 10 दिन (Onam Ten Days)
अथं – पहला दिन, ऐसी मान्यता है की इस दिन राजा महाबली पाताल से अपने राज्य केरल जाने की तैयारी करते है.
चिथिरा – दूसरा दिन, फूलों का कालीन जिन्हे पूक्क्लम भी कहा जाता है, बनाना की प्रक्रिया शुरू होती है.
चोधी – तीसरा दिन, पूक्क्लम में 4-5 तरह के फूलों से दूसरी लेयर बनाई जाती है.
विशाकम – चौथा दिन, चौथे दिन से तरह तरह की प्रतियोगितायें आरंभ हो जाती है.
अनिज्हम – पाचवां दिन, नाव की रेस की तैयारियां शुरू जो जाती है.
थ्रिकेता – छठा दिन, सभी जगह छुट्टियाँ होने लगती है.
मूलम – सातवें दिन, मंदिरों में खास पूजा की जाती है।
पूरादम – आठवें दिन, महाबली और वामन की प्रतिमा सभी के घरों में स्थापित हो जाती है.
उठ्रादोम – नवमे दिन, आज का दिन सभी केरल वासियों के लिए खास होता है क्योंकि राजा महाबली केरल में प्रवेश करते है.
थिरुवोनम – अंतिम दिन, मुख्य त्यौहार
ओणम पर्व से जुड़ी कथा (Onam Festival Story in Hindi)
Onam festival के कथा के अनुसार महाबली, प्रहलाद के पोते थे. प्रहलाद एक असुर हिरनकश्यप के बेटे थे, लेकिन उनकी भक्ति भगवान विष्णु जी के प्रति थी. इसलिए महाबली भी बचपन से भगवान विष्णु जी के प्रति भक्ति दिखाते। उनकी भक्ति में इतनी शक्ति थी की यह समय के साथ गहरा होता गया और उनका सम्राज्य भी.
राजा महाबली एक सच्चे दिल के सिर्फ इंसान ही नही बल्कि अपनी प्रजा के लिए दान पुण्य करने वाले राजा थे। हर समय अपने देश और प्रजा का भला सोचने वाले राजा महाबली सभी के लिए एक आदर्श राजा थे। महाबली असुर थे लेकिन, अपने कर्तव्य और स्वभाव के कारण दोनो लोकों पर राज किया करते थे.
महाबली से प्रसन्न होकर उनके लोग उन्हें भगवान का दर्जा देने लगे। इसीलिए उनमें थोड़ा घमंड आ गया था। स्वर्ग पर असुरी ताकत का बढ़ना देवता गन को चिंता देने लगी। तब सभी देवता ने भगवान विष्णु जी से मदद मांगी। वो देवता की मदद के लिए मान जाते है।
हिरणकश्यप और प्रहलाद की पूरी कहानी यहां पढ़े
FAQ
Q : ओणम का त्यौहार 2022 में कब है ?
Ans : वैसे तो happy onam दस दिन पहले से मनाया जाता है लेकिन विशेष रूप से 8 september के दिन onam धूमधाम से मनाया जाता है।
Q : ओणम का त्यौहार कब तक है ?
Ans : 9 सितंबर
Q : ओणम का त्यौहार कितने दिन का होता है ?
Ans : onam Festival 10 दिन का होता है।
Q : ओणम 2022 का शुभ मुहूर्त कब से कब तक का है ?
Ans : onam 2022 का शुभमुहूर्त 7 दिसंबर शाम 04:05 से 8 दिसंबर, दोपहर 01:40 तक है।
Q : ओणम में विशेष दिन को किस नाम से जानते हैं ?
Ans : थिरुवोनम
अंतिम कुछ शब्द:
Onam festival 2022 हर साल की तरह उतनी ही हुल्लास की तरह मनाया जाएगा। केरला के लोगो में इसकी खुशी देखी जा सकती है। आपको onam festival कैसा लगता है हमे कॉमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।
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