Inspirational Story for Student in Hindi

Inspirational Story for Student in Hindi

inspirational story for student
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Hello friends, this is an inspirational story.  Saya, whose life is very dark, comes very lonely, but with time, she teaches everything and keeps moving forward. It is written by myself Akanksha Kashyap, Hope you like it. Inspirational- story for student in Hindi – Loneliness (अकेलापन)

                                               Title-” अकेलापन “

हेल्लो दोस्तो, ये एक  इंस्पिरेशनल कहानी है।  साया की जिसकी ज़िन्दगी में बहुत अंधेरे आते है ,बहुत अकेलापन आता है पर वो वक़्त के साथ सब कुछ सिखती जाती है और आगे बढ़ती जाती है।  इसे मैंने लिखा है (आकांक्षा कश्यप), आशा है कि आपको पसंद आएगी।Inspirational- story for student in Hindi – Loneliness (अकेलापन)

अकेलापन इंसान को या तो खोखला कर देता है या उसे उभार देता हैं। चेहरे पे मुस्कान तो होती है पर दिल में खुशी नहीं होती ।

कहते है जब कोई बात दिल में दबे रहते है तो धीरे धीरे करके दिमाग में घर बना लेते है और फिर इसी को हम सनक का नाम देते है।

सनक जो किसी के लिए जुनून है तो किसी के लिए सुकून ।

अकेलापन का दूसरा नाम सनक है ।। लेकिन यही सनक किसी के लिए उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है ,जिसका इस्तेमाल अगर सही दिशा में किया जाए तो कुछ भी ही सकता है।

लेकिन अगर किसी की ज़िन्दगी को ये अकेलापन खाने लगे तो बुरा किस हद तक हो सकता है ये भी कहना बहुत मुश्किल है। 

साया की लाइफ भी ऐसी ही अकेेेलेेेपन से भरी हुई है। उसकी लाइफ में भी इतने खाली पन थे कि उस समय को भरने जाओ तो कितना समय लगता ये कहना आसान नहीं है।

साया कोलकाता के एक छोटे से शहर दुर्गापुर में रहती है। परिवार में मां,पिता, दो भाई जिसमें एक बड़ा भाई और दूसरा छोटा है और एक छोटी बहन है।

बड़ा भाई नौकरी करता है और छोटा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है। मां घर में ही रहती है और घर संभालती है। पिता का एक छोटा सा बिज़नेस है और छोटी बहन अभी  पचावी में पढ़ रही है।

साया अभी दसवीं कक्षा में है और इसी साल दसवीं की परीक्षा देने वाली है। पढ़ने में बहुत अच्छी है ,अभी तक सारे विद्यार्थी से जायदा मार्क्स लाती है।

पढ़ाई में अच्छी होने के साथ साथ दिखती भी अच्छी है ,लंबी है, गोरी नहीं है सवाली है पर चेहरे पर एक रौनक है। और तो और जब फ्री होती है तो मा का हाथ भी बटा देती है।

सब उसे घर में बहुत प्यार करते है ।  सब कुछ ठीक ही चल रहा है। धीरे धीरे करके साल बित गई और साया की दसवीं की परीक्षा आ गई ।

परीक्षा पूरा हो गया और सारे बच्चे रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे है क्यूंकि रिजल्ट एक दो दिन में ही आने वाला है।

बच्चे इतने उतावले हो रहे हैं कि उनसे तो इंतज़ार ही नहीं हो रहा को आखिर कब आएगा रिजल्ट और वो अपने आगे ज़िन्दगी के बारे में सोचे ,मस्ती करे ,छुट्टियां करने जाए और भी बहुत सारे सपने। Inspirational- story for student in Hindi – Loneliness (अकेलापन)

तब एक दिन शाम में रिजल्ट आ गया और साया फर्स्ट डिवीजन से पास हो गई ।सभी घर वाले बहुत खुश थे और अब वो चाहते थे कि साया आगे भी इसी लगन कर साथ पढ़े और परिवार का नाम रौशन करे।

उधर साया के  बड़े भाई का भी नौकरी में प्रमोशन हो गया ,घर में दुगुनी खुशी का माहौल चल रहा है।

छोटा भाई भी अपने क्लास में सबसे अच्छा पढ़ रहा है।सब कुछ अच्छा चल रहा है ।

पर ज़िन्दगी सिर्फ अच्छा होने का नाम नहीं है ।

एक शाम जब साया अपनी पढ़ाई में लीन थी, छोटे भाई बहन कार्टून देख रहे थे और साया की मां अपने कामों में लगी हुई थी कि अचानक उसके पिता की चीखने की आवाज आती है।

साया के पिता – आह….

सभी घर वाले सुन कर दौड़े  कमरे के तरफ तो देखा उसके पिता ज़मीन पे गिरे हुए है और दर्द से कराह रहे है ।सब एक दम से घबरा जाते है आखिर क्या हुआ है।

जल्दी से डॉक्टर के पास ले जाते है ,डॉक्टर एडमिट करने बोलता है।

डॉक्टर – देखिए इन्हे एडमिट करना पड़ेगा ,ऐसे तो कुछ कह नहीं सकते इन्हे क्या हुआ है।

साया की मां – डॉक्टर साहब ,कुछ भी करके बचा लीजिए ,इन्हे अचानक से ये कैसा दर्द हो रहा है।

साया ,उसके बड़े भाई,और छोटे भाई – बहन सब  चुप चाप सुन थें और घबराए हुए थे। उन्हें तो बस यही लग रहा था कि उनके पिता बस ठीक हो जाए।

डॉक्टर – देखिए ,मै जो कर सकता हूं वो तो कर ही रहा हूं।आप घबराइए नहीं, अभी हमने कुछ इंजेक्शन दे दी है और वो आराम कर रहे है।

डॉक्टर – कुछ टेस्ट करना है ,फिर पता चल जाएगा। फ़िक्र मत कीजिए सब अच्छा होगा,उपर वाले पे भरोसा रखिए ।

साया की मां – साया ,बेटा तुम सबको घर ले जाओ और तुम सब कुछ खा लो। मै यही रहूंगी ,और टेंशन मत लो।

साया – ठीक है मां । Inspirational Story for Student in Hindi

साया अपने छोटे भाई बहन को लेकर घर चली जाती है।

डॉक्टर साया के पिता का टेस्ट करते है तो पता चलता है कि उन्हें हार्ट अटैक आया था।

डॉक्टर  साया की मां को बताते है कि …

डॉक्टर – देखिए बहन जी ( साया की मां को ) ,उन्हें हार्ट अटैक आया है । क्या कोई बात है?  डॉक्टर ने पूछा ।

साया की मां -( आश्चर्य से) हार्ट अटैक , पर उन्हें क्या टेंशन हो सकती हैं। ऐसी तो कोई बात नहीं है डॉक्टर साहब।

डॉक्टर – कोई तो बात है ,नहीं तो हार्ट अटैक जैसी अटैक ऐसे बिना किसी बात के आ नहीं सकती । अब आपको उनका जायदा ख्याल रखना होगा ।

मै सारी दवाई दे देता हूं ।आप ख्याल रखिए और हो सके तो जितना हो सके उतना टेंशन कम ले,उनकी सेहत के लिए अच्छा होगा ।

साया की मां – जी अच्छा । और वो वहा से चली जाती है।

साया अपनी मां और डॉक्टर के बीच हो रही सारी बाते सन रही होती है और वो ये सब सुन कर परेशान हो जाती है।

साया को समझ नहीं आता कि ऐसी क्या बात थी कि उसके पापा इतना परेशान हो गए। और फिर वो अकेले रहने लगी  ,घंटो सोचती कि उसके पिता इतने बीमार है अब वो क्या करेगी ,अपनी पढ़ाई कैसे पूरा करेगी।

अपने सपने को कैसे पूरा करेगी।  उसका बड़ा भाई अपनी ही ज़िन्दगी में मसगुल रहता था ।

और धीरे धीरे साया सबसे कट कट कर रहने लगी ।जायदा किसी से बात नहीं करती ,दिन घर अपने कमरे में बैठी होती ,ना किसी से बात करना ,ना किसी को अपने दिल कि बात बताना ।

अब तो जायदा दोस्तो से भी बात नहीं करती ।साया अपने पापा के बहुत करीब थी इसीलिए उसे लग रहा था कि अगर उसके पिता को कुछ हो गया तो वो क्या करेगी।

कुछ दिन तक साया के पिता का इलाज अस्पताल में ही चलता है और  फिर कुछ दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

अब घर पे आ गए है। साया हमेशा खोई खोई रहती है और ये बात उसके पिता गौर कर लेते है।

जब एक शाम साया अकेले गार्डन में बैठी होती है तो उसके पिता वहा जाते है और उससे पूछते है।

साया के पिता  – साया, बेटा..क्या बात है मै कुछ दिनों से देख रहा हूं कि तुम खोई खोई रहती हो। क्या बात है – कोई बात है तो बोलो  ,ऐसे परेशान क्यों हो ।

साया – नहीं पापा ,ऐसी कोई बात नहीं है। बस ऐसे ही…।  Inspirational Story for Student in Hindi

पिता – अगर ऐसी कोई बात नहीं है तो पहले कि तरह तुम अब अपनी दोस्तो से  भी ज्यादा बाते नहीं करती। तुम्हारी मां बता रही थी।

पिता – क्या बात है ,अगर कोई बात है तो हमसे बोलो बेटा ।

साया – कुछ सोचते हुए। पापा.. आपको क्या परेशानी है आप क्यों इतने टेंशन में हो । डॉक्टर अंकल बोल रहे थे कि आपको हार्ट अटैक किसी टेंशन की वजह से आया था।

पिता – बेटा आप इस बात से परेशान थे। कोई बात नहीं बेटा तुम फ़िक्र मत करो किसी बात कि ,तुम अपनी पढ़ाई करो बेटा ,काम कर सिलसिले में थोड़ा परेशान हो गया था।

अपनी बेटी कि  सिर पर हाथ फेर कर साया के पिता चले जाते है।

पर साया को समझ आ जाता है कि उसके पिता उससे जुठ बोल रहे है क्यूंकि आज से पहले भी काम का टेंशन रहा था पर कभी हार्ट अटैक नहीं आया और ना ही कभी बीमार पड़े थे।।

साया अपने कमरे में जा रही थी कि कभी अपने मां पापा के बीच हो रही बात साया सुन लेती है।

साया के पिता साया की मां से बोल रहे होते है कि वो एक लोन लिए थे अपनी बेटी साया की पढ़ाई के लिए ,ताकि आगे की पढ़ाई वो अच्छे से कर सके और उसे कोई दिक्कत ना हो।

लेकिन सारी प्रोसेस हो जाने के बाद बैंक वाले ने उनके सारे पैसे गबन कर लिए और उल्टा उनके ऊपर धोखा देने का आरोप लगा दिया है।।

साया सारी बाते सुन कर चौक जाती है कि उसके माता पिता उसके लिए इतना कुछ सोच रहे है। और वो कुछ नहीं कर पा रही है।

ये बात साया को अंदर ही अंदर खलती है और वो अकेले रहने लगती है। धीरे धीरे अकेलापन उसे घेर लेता है ।।

किसी से बात नहीं करती ,पर अब वो पढ़ाई  में मन लगाना चाहती थी ।

पढ़ना सुरु भी कर दिया था और सब कुछ ठीक भी  होने लगा था। साया पढ़ाई में मन लगाने लगी और नंबर भी अच्छे आते थे ।मां पापा को भी तसली थी कि उनकी बेटी बिना कोई टेंशन के पढ़ाई कर रही  है।

सब कुछ ठीक चल रहा था।

एक दिन साया जब अपनी पढ़ाई पूरी करके घर वापस आ ही रही थी कि उसकी एक दोस्त ने घबराते हुए आती है और उससे कहती है..

दोस्त ( रोहाणी ) – साया,तुम्हारे पापा को फिर से अटैक आया है और वो अभी हॉस्पिटल में है ।

साया ये सुन कर परेशान हो जाती है और तुरंत ऑटो पकड़ कर  हॉस्पिटल चली जाती है।

वहा जा कर देखती है कि उसकी मा हॉस्पिटल के उस कमरे में जिस कमरे मै उसके पिता एडमिट थे वो रो रही थी।

साया घबरा जाती है कि आखिर मां और सारे भाई क्यों रो रहे है ,आखिर बात क्या है।उसका दिल बैठा जा रहा था। दिल दिमाग में बस उल्टे सीधे सवाल ही आए जा रहे थे ।उसके कदम जैसे आगे ही नहीं जा रही थी।

तभी वहा से डॉक्टर गुजर रहे होते है..

साया – डॉक्टर अंकल ज़रा रुकिए ।  Inspirational Story for Student in Hindi

डॉक्टर – हा बेटा बोलो।

साया – अंकल क्या हुआ रिपोर्ट में , मां ऐसे रो क्यों रही है।पापा ठीक तो है ना । रिपोर्ट में क्या आया है।

डॉक्टर – मन में सोचते है कि शायद इसे पता नहीं की इसके पिता अब नहीं रहे ।

साया – क्या हुआ अंकल आप चुप क्यों है ,सब ठीक है ना।

डॉक्टर – बेटा ,आपके पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे ।उन्हें मेजर हार्ट अटैक आया था। मैंने उन्हें पहले भी सतर्क किया था कि वो अपनी मानसिक सेहत का ख्याल रखे ।जायदा ना सोचे ,अकेले ना रहे ।

साया – सुन कर ठप हो जाती है।थोड़े देर के लिए वो समझ नहीं पाती कि उसने क्या सुना।

डॉक्टर – हिम्मत से काम लो , अब तुम्हे ही अपनी मां को संभालना है। और डॉक्टर वहा से चले जाते है।

साया रोने लगती है । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करेगी । आपनी मां को कैसे संभालेगी ।अपने छोटे भाई बहन को कैसे संभालेगी।

क्यूंकि बड़े भाई की जॉब जब से लगी है उसका रवैया ही बदल गया था घरवालों के प्रति और ये सब सोच कर साया और भी जायदा डर गई। अभी अभी तो साया दसवीं ही पास हुई है और अभी पिता का साया उठ जाना जैसे मानो पहाड़ है टूट गया था। Inspirational Story for Student in Hindi

बड़े भाई को तो इस बात से जायदा फर्क नहीं नहीं पड़ेगा ,क्यूंकि वो अपनी ज़िन्दगी में ऐसे भी मासगुल रहता है और उसे इन सब से कोई लेना देना भी नहीं होता ,ये सब सोच सोच कर साया बस रोई ही जा रही थी।

एक तरफ उसके खुद में सपने ,खुद के अरमान ,वो सपने जिसे जीने का सपना देखा था साया ने। जिसमे वो अपने माता पिता के नाम को रौशन करे ,अपने छोटे भाई बहन को अच्छे से पढ़ाए और अपने माता पिता की परेशानी कम कर सके ।

और दूसरी तरफ अब ये ज़िम्मेदारी जहा अपनी मां को संभालने के साथ साथ अब उसे अपने छोटे भाई बहन को भी संभालना था।

जैसे तैसे करके वो अपने आप को संभालती है और कमरे मै अपनी मां के पास जाती है।

मां अपनी बड़ी बेटी को देखते है और ज़ोर से रोने लगती है। Inspirational Story for Student in Hindi

मां – बेटा……बेटा अब कैसे कराऊंगी  तेरी पढ़ाई ,कहा से लाऊंगी इतने पैसे की तुम सब को पढ़ा लिखा कर शादी कर सकू। और फिर फफक फफक के रोने लगती है।  Inspirational Story for Student in Hindi

साया रोते हुए – हम कर लेंगे मां ,आप जायदा मत सोचो । मै हूं ना ,हम मिल कर कुछ कर लेंगे ।

कुछ दिन बाद जब घर में सिर्फ साया ,उसकी मां और दोनों छोटे भाई बहन रहते है तो साया अपनी मां से पूछती है।

साया – मां ,क्या हुआ था..पापा को हार्ट अटैक कैसे आया । दिखने में तो बिल्कुल ठीक लग रहे थे।

मां – बेटा ,तुम्हारे पापा ने लोन लिया था तुम्हारी पढ़ाई और शादी के लिए ।पहले तो बैंक वालो ने ये मानने से इन्कार कर दिया कि उन्होंने कोई लोन लिया है और फिर फ्रॉड का कैसे कर दिया ।

ये सदमा बर्दास्त नहीं कर पाए तेरे पापा और वो अब… (रोने लगती है साया की मां)

धीरे धीरे साया अकेले रहने लगती है ,किसी से जड़ बात नहीं करती ,ना दोस्तो से बात करती है और ना परिवार वालो से।

एक दिन साया बेहोश हो जाती है ।उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले जाती है तो पता चलता है कि साया ने बहुत दिनों से ठीक से खाना नहीं खाया है और इसीलिए उसे कमजोरी हो गई है।

ये सुन कर उसकी मां रोने लगती है और वो साया को समझती है कि वो ये सब आगे से ना करे। जो होना होता है वो हो कर रहता है । भगवान की मर्जी से कोई नहीं बच सकता और ऐसे वक़्त में डट के खड़ा रहने का ना की ऐसे कमजोर बनने का ।

साया को ये बात समझ आ जाती है और वो अपनी मां से वादा करती है कि आगे से वो इस बात का ख्याल रखेगी और अपना ध्यान भी।

साया दुबारा फिर कभी बीमार नहीं पड़ती है और अपने पढ़ाई में लग जाती है।

दो साल बाद साया बारहवीं की परीक्षा में टॉप करती है और अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए उसे एक सहारा मिल जाता है।

सरकार के द्वारा उसे एक लैपटॉप और कुछ धन राशि स्कॉलरशिप के तौर पे मिल जाता है ।

ऐसे करके दो साल और बीत गए और साया दिन रात करके अपना बिज़नेस बनाती है।

साया को बचपन से ही कपड़े सिलने और उसे नए तरीके से बनाने का बहुत सौक था और आज वो अपनी कंपनी ,अपनी बुटीक ( कपड़े का बिजनेस ) की मालकिन है।

इसके साथ साथ वो अपने पिता के लोन को भी चुका रही है।अपने छोटे भाई बहन को भी पढ़ा रही है और अपनी मां को भी एक अच्छी ज़िन्दगी दे रही है।

साया आज एक सक्सेसफुल औरत ही नहीं एक अच्छी इंसान भी है जो दूसरो की हमेशा मदद करती है।

अपने काम को करने के साथ साथ अपनी जिम्मेदरियों को भी अच्छे से निभाती है।

 

मॉराल इस कहानी से – (Inspirational Story for Student in Hindi)

हमे इस कहनी से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

1. बुरा दौर हर किसी कि ज़िन्दगी में आता है पर ये बात हम इंसानों पे डिपेंड करता है कि हम उस वक़्त को कैसे जीते है।

2. अकेलापन या अकेले रहना किसी भी मुस्किल का हल नहीं होता । इसीलिए हमेशा सोचिए कि आज इस वक़्त हम की कर सकते है।

3. जब हम अकेले होते है तो सबसे कीमती चीज जो है वो है हमारा परिवार ,हमारी परवरिश की हम किसे अपना वक़्त दे रहे है और किसके लिए रो रहे है । हमारे अपने को कहीं ज़रूरत तो नहीं हमारी।

4. हिम्मत ,जो सबसे बड़ी ताकत होती है बारे वक़्त में ,अकेलेपन में ,इसका साथ कभी मत छोड़ना ।

5.  और सबसे ज़रूरी आगे बढ़ते रहिय ,खरगोश की रफ्तार से नहीं ,कछुए की रफ्तार से और खुद से कहिए… ये वक़्त भी कट जाएगा।Inspirational- story in Hindi – Loneliness (अकेलापन) 

 

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तो दोस्तो ,मेरे सारे देखने वाले लोग… कैसी लगी ये कहानी मुझे ज़रूर बताएं और अगर कोई और भी बात है जो हमें इस कहनी से सीखने को मिलती है तो हमें ज़रूर कॉमेंट करके बताएं । मुझे अच्छा लगेगा। बाकी मिलती हूं अपनी अगली कहानी में तब तक आगे बढ़ते रहिए लेकिन सुरक्षा के साथ क्यूंकि अभी कोरोना गया नहीं है। 

आपके समय के लिए धन्यवाद ।।

 

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