RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट Goverdhan Singh को पुलिस ने लिया हिरासत में 

RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट Goverdhan Singh को पुलिस अधिकारियों ने सिविल वर्दी में उच्च न्यायालय के बाहर से आज गिरफ्तार कर लिया है। गोवर्धन सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखते हुए बताया की उन्हे अभी जयपुर के पास पुलिस थाना सदर (पश्चिम) में गिरफ्तार करके रखा हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी आशंका जताई है की गहलोत पुलिस कभी भी उनका एनकाउंटर कर सकती है।

advocate goverdhan singh
RTI Advocate Goverdhan Singh Arrested

हालांकि, अभी तक पुलिस प्रशासन के तरफ से एडवोकेट गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी की वजह सामने नहीं आई है। पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार कर रही थी तब वो लगातार यही सवाल किए जा रहे थे की आखिर उन्हें किस वजह से गिरफ्तार किया जा रहा है। आपको एक बात और बताते चले की गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी के समय पुलिस अधिकारियों ने कोई वॉरंट तक नहीं दिखाया। और ना ही किसी प्रकार का नोटिस मिला। यह मामला राजस्थान के उच्च न्यायालय के बाहर घटित हुई है।

 

इस घटना के बाद राजस्थान की जनता और वकीलों में आक्रोश देखा जा रहा है। गोवर्धन सिंह को छोड़ने की गुहार लगातार सोशल मीडिया मल चल रही है। कई वकील भी इस मामले पर खुल कर RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट गोवर्धन सिंह  को खुल कर सपोर्ट कर रहे है और गहलोत सरकार से उनकी रिहाई की गुहार लगा रहे है।

इस मामले में एक और बात चौकाने वाली यह है की गोवर्धन एको अपने वकील से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। ऐसा करने पर जब उनके वकील ने एप्लीकेशन लिखा तो वो भी मंजूर नही किया जा रहा है। ये वाकई में चौकाने वाली बात है। क्योंकि ऐसा करना कानून के खिलाफ है। पर फिर भी अभी तक कोई बयान नहीं आया।

RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट गोवर्धन सिंह का परिचय / Goverdhan Singh introduction

गोवर्धन सिंह राजस्थान के जाने माने वकील और RTI एक्टिविस्ट है। गोवर्धन सिंह मूल रूप से जयपुर, राजस्थान के निवासी है। अपनी एलएलबी की पढ़ाई करके अपना सारा ध्यान देश की सेवा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का निर्णय ले लिया। गोवर्धन अपने आस पास भ्रष्टाचार को आगे बढ़ते नहीं देख सकते।

राजस्थान की जनता इनकी यही नेक दिल के लिए इन्हे बहुत इज्जत और प्यार करती है। इनके चाहने वाले इन्हे प्यार से “टाइगर ऑफ द राजस्थान” कह कर बुलाते है। अपनी हिम्मत और अच्छे काम के बदौलत सोशल मीडिया पर लाखो फैंस बना लिए है।

साल 2010 में गोवर्धन सिंह ने मानव अधिकार और आरटीआई को लेकर बहुत सारे काम और रिसर्च किए थे। उस समय बहुत सारे प्रतिष्ठित और बड़े बड़े बिजनेसमैन को लाखो का नुकसान और परेशानी झेलनी पड़ी थी। लेकिन, इसका खामयाजा इन्हे भी भुगतना पड़ा, उस समय के दौरान इन पर काफी केसेज फाइल कर दी गई। इन्हे भ्रष्टाचारी से लेकर पाकिस्तान का जासूस तक साबित करने की कोशिश की गई। लेकिन, राजस्थान उच्च न्यायालय ने अच्छे से खोजबीन की और इन सभी आरोपों को गलत बताया।

एडवोकेट गोवर्धन सिंह के विचार – Thoughts of Govardhan Singh

आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने अपनी जिंदगी में बहुत अच्छे काम किए है। और अपने विचारो से लोगो को प्रभावित करते आए है। इनके कुछ विचार इस प्रकार है:-

 

“घुटनों के बल जीने के बजाय, मैं खड़ा होकर मर जाना पसंद करूंगा”

 

“गुस्सा और कानून दोनो समझदार है, कमजोर को दबा लेते है और ताकतवर से दब जाते है”

 

“बहुत आसान होता है कोई उदाहरण पेश करना लेकिन.., बहुत मुश्किल होता है खुद को उदाहरण बनाना”

 

“उन आखों का हंसना भी क्या, जिन आखों में पानी ना हो। वो जवानी, जवानी नही, जिसकी कोई कहानी ना हो”

 

“कानून मकड़ी का वो जाल है जहां छोटे मोटे कीड़े मकौड़े आने पर फंस जाते है लेकिन, छिपकली या कोई बड़ा जानवर उस जाल में नही फंसता है और जाल को फाड़कर निकल जाता है”

 

“वक्त के साथ चलना कोई जरूरी नहीं.., सच के साथ चलिए , एक दिन वक्त आपके साथ चलेगा।”

इन विचारों को कहने वाले एडवोकेट गोवर्धन सिंह को न्याय मिलेगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा पर अपने से लोगो के दिलो में अपनी छाप छोड़ दिया है इन्होंने।

अंतिम कुछ बाते

दोस्तो आपको क्या लगता है। आप अपनी राय हमे कमेंट कर दे सकते है। इसे अपने दोस्तो के शेयर कीजिए और गोवर्धन सिंह के विचार पसंद आए हो तो इसे Like करना ना भूलें।।

अन्य पढ़े

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Comment