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होली पर निबंध,हिरणकश्यप से जुड़े तथ्य, प्रहलाद की कहानी, होली की कहानी, शायरी
होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है। भारत तयहारो से भरा देश है। और रंग उसमे चार चांद लगाते है।
हिंदू धर्म में हर त्योहार हिंदी पंचांग के अनुसार मनाया जाता है। ऐसे हिंफलगुन के महीने में मनाया जाने वाला पर्व है होली। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन के तौर पर मनाया जाता है। वैसे इससे जुड़ी एक पुराणिक कथा भी है जो काफी प्रसिद्ध है।
कथा है होलिका और क्रूर राजा हिरणकश्यप की। इससे पहले वाले पोस्ट में मैने आपको बताया की आखिर होनी मानने की वजह क्या है। प्रहलाद कौन थे, होलिका कौन थी और हिरणकश्यप से जुड़ी तथ्य क्या है। अगर आपको जानना है तो नीचे दिए गए आर्टिकल को पढ़े।
इसे भी पढ़ें:- क्या है होलिका दहन की कहानी, हिरणकश्यप कौन था और अपने बेटे को ही क्यों मरना चाहता था, जाने होली की शुरुआत कैसे हुई।
कैसे मनाते है होली:
होली सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है। लेकिन, उत्तर भारत में इसकी एक खास ही झलक देखने को मिलती है। चुकी वह जगह भगवान श्री कृष्ण और राधा का मायका है इसलिए रंगो की होली का लुफ्त लोग बड़े मजे से उठाते है। वृंदावन, गोकुल, मथुरा जैसे जगह पर यह पर्व काफी दिनों तक मनाया जाता है।
ब्रज की प्रथा है की पुरुष महिलाओं को रंग लगाते है और महिलाएं उन्हे लाठी से मारती है। यह देखने ना जाने कितने लोग वहां हर साल जाते है। बहुत प्रचलित प्रथा होने के कारण इसे देखना हर कोई पसंद करता है।
उत्तर भारत के कई जगह पर फूलों की होली मनाई जाती है। लोग फूलों से होली खेलते है। और यह होली सच में देखने लायक होता है। हर कोई आनंद में झूम रहा होता है। अगर आपको वक्त मिले तो जरूर जाइएगा कभी।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में रंगो कि होली का ज्यादा महत्व है। और यहां के लोग रंगो से खेलना बेहद पसंद करते है। यहां टोली बना कर खेला जाता है। एक टोली में लगभग 20 लोग होते है और सब एक दूसरे को रंग अबीर लगाते है। इंदौर शहर के लोग होली को “गैर” कहते है। जिसमे पूरा शहर एक साथ एक जगह पर आता है और नाचते गाते है। और इसका लुफ्त उठाते है।
बिहार की होली:
बिहार की होली भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां सुबह में लोग सबसे पहले मिट्टी का घोल बना कर खेलते है। कितने लोग गोबर का घोल भी बनाते है। दोपहर में एक दूसरे पर रंग लगा कर मजे करते है। और फिर शाम को लोग एक दूसरे को अबीर/गुलाल से होली खेलते है। और साथ में मिश्री, बादाम, सॉफ का प्रसाद भी देते है।
बिहार के लोग खाने और खिलाने के भी बड़े शौकीन होते है। मैं भी बिहारी हूं तो मुझे पता है की लोग कितना खाते है। दहीबड़े, और मालपुए की तो बौछार होती थी। साथ ही घरी में गुजिया भी बनते है। नाना प्रकार की मिठाइयां बनाई जाती है।
हालांकि, मिठाइयां सभी जगह बनाई जाती है।
होली पर रखे कुछ सावधानियां:
दोस्तो, होली का त्योहार हो या कोई दूसरा, सावधानियां तो हर जगह रखनी चाहिए। और रखे भी क्यों न आखिर हम अपने देश और अपने लोगो के बारे में नही सोचेंगे तो कौन सोचेगा।
- होली रंगों का त्योहार है इसलिए पानी की खपत भी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इस बात का खास ख्याल रखे की ज्यादा खपत न करे। क्योंकि जल ही जीवन है।
- आज कल कोई भी वस्तु या चीज सौ प्रतिशत सही नही है और न ही शुद्ध है। तो रंगी में भी अलग अलग रसायन मिलाए जाते है जिससे वो खूबसूरत और खुशबूदार बने। तो इस बात का ख्याल रखे की होली खेलने से पहले अपने शरीर, चेहरे पर कोई तेल की परत लगा ले ताकि आपके शरीर को कोई नुकसान न हो।
- होली में नशीले पदार्थ का भी इस्तेमाल होता है जैसे की भांग। भांग, धतूरा का इस्तेमाल न करे तो अच्छा है। ये आपके दिमाग की हालत जो कुछ देर के लिए आपे में नहीं रखता और आप बेकाबू हो जाते है। इससे झगड़े होने के आसार होते है।
- एक और सबसे बड़ी सावधानी है अपने अंगों की रक्षा करना। मैं आखों, और दोनो कानो की बात कर रही हूं। होली खेलते वक्त लोग इस बात का ख्याल नही रखते की अगर उनके इन अंग में गलती से रंग चला जाए तो क्या होगा। इसलिए अच्छे से खेले।
- दुसरो को रंग लगाते वक्त उनकी मर्जी का ख्याल कर ले। वरना उन्हे बुरा लग सकता है और आपके आपसी रिश्ते खराब हो सकते है।
- बाहर की कोई भी वस्तु, मिठाइयां खाने से पहले देख ले की कहा से बने है। क्योंकि त्योहारों में मिलावट ज्यादा होती है।
होली पर निबंध 10 लाइन हिंदी में:(10 Line Holi Essay in Hindi)
होली हिंदू का एक प्रमुख पर्व है। जिसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह भारत के अलावा कनाडा और नेपाल जैसे देशों में भी मनाया जाता है। होली में लोग एक दूसरे को रंग, अबीर लगाते है और खुशियां बाटते है। होली के दिन सभी एक दूसरे से सारे गिले शिकवे मिटा कर एक दूसरे को गुलाल लगाते है।
होली का पर्व फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मार्च में मनाई जाती है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है की हिरणकश्यप की बहन होलिका ने जब छल से अपने भतीजे प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर बैठ गई थी तो भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच गए थे और होलिका जल कर राख हो गई थी। तब से हर साल होलिका दहन और होली मनाई जाती है।
कोई होली के दिन माल पुआ और दहीबड़े बनने की प्रथा है। पूरे भारत में लोग इसे धूमधाम से मनाते है। सरकारी गैर सरकारी सभी दफ्तर बंद रहते है। उत्तर भारत में इसकी एक अलग पहचान है। होली जीवन में रंग भरने का भी पर्व कहा जाता है। इसलिए बड़े, बूढ़े, बच्चे सभी इसे मनाना पसंद करते है।
होली शायरी (Holi Shayari)
जैसे राधा के साथ कृष्ण ने खेली होली,
जैसे वृंदावन में हुई फूलों वाली होली,
वैसे ही आपके घर भी आए हैप्पी होली,
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
दिल से दिलो को मिलने का मौसम है,
दिल से दूरी मिटने का मौसम है,
ये होली है ऐसी की,
बस खुशी बिखेरने का मौसम है,
हैप्पी होली मेरे यार
राधा के गुलाल और कृष्ण की पिचकारी,
प्यार भरे रंग से रंगी दुनिया सारी,
ये खुशियां न जाने मजहब ना गोली,
ऐसे ही सबको मुबारक हो इस बार की होली,
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
तेरे साथ मनाया हुआ एक लम्हा न बुला,
तो ये होली के रंग कैसे भूल जाऊ,
याद है ये पिछले बार मैने तुझे रंग था,
मन करता है इस बार मैं रंग जाऊ,
हैप्पी होली मेरी जान
FAQ
1. होली कब है?
Ans. 19 March 2022
2. होली क्यों मनाई जाती है?
Ans. होली के दिन ही होलिका की मृत्य हुई थी। और सच्चाई की जीत हुई थी।
3. होली कब से मनाते है ?(Origin of Holi)
Ans. पौराणिक जमाने से
4. होली के दिन रंग क्यों लगाते है?(Why do we throw Colours on Holi?)
Ans. ताकि रंग लगा कर अपनी जिंदगी में भी रंग भर सके।
अंतिम कुछ बाते
दोस्तो आप सभी को मेरी तरफ से होली की ढेरों शुभकामनाएं। खुश रहे और खुशियां बाटे। आपको आज की आर्टिकल होली पर निबंध हिंदी में (कहानी)क्यों मनाई जाती है, शायरी | Holi Essay 10 Line in Hindi, Shayari, कैसी लगी। हमे कमेंट करके जरूर बताएं। इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करें।
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