Heart touching friendship story in Hindi – Friend With Benefits | Unique friendship stories

Heart touching friendship story in Hindi – Friend With Benefits | Unique friendship stories

Heart touching friendship story - Friend With Benefits by Akanksha Kashyap

हेल्लो दोस्तों मै हूं आकांक्षा कश्यप और आप सभी का अपने ब्लॉग STORY OBSESSION में स्वागत करती हूं।

आज कि कहानी एक सच्ची लड़की पर आधारित हैं जो चंचल थी, जिसके सपने थे, हमेशा खुश रहना चाहती थी और जिसे वो अपना कहती थी उसे अपना मानती थी। पर.., ऐसानही होता है कि जिसे हम अपना माने वो भी हमे अपने तरह ही प्यार करे, समझे और जैसा हम उसकी फ़िक्र करते है वो भी करे। और ऐसा ही कुछ इस लड़की के साथ भी हुआ है। 

पर इसमें जो भी नाम और पता इस्तेमाल किया गया है वो सभी काल्पनिक है।। किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है तो कोई दिल से ना ले। 

दोस्तो, आप यहां जो भी कहानी पढ़ते है वो सारे मै खुद लिखती हूं। तो अगर आपको पसंद आता हैं तो कृपया करके share ज़रूर करे।। 

तो शुरू करते है…।। 

 Friends with benefit

हम अपनी छोटी सी दुनिया में खुशियां देख पाए या नहीं उसे ढूंढने बस निकल जाते हैं। हर बार ये ज़रूरी नहीं कि जो हम चाहते हो वो हमारे लिए सही ही हो, लेकिन हमे तो बस होड़ मची होती है कि चाहे वो चीज़ हमे कैसे भी मिले बस मिल जाए। 

और इसी ज़िद्द मे हम रहते है कि वो हमारा है फिर चाहे हम उस पा सके या नहीं, ये हम नहीं देखते। हम इस भ्रम में होते है कि हमारी ज़िद्द हमारी किस्मत है। पर ये नहीं समझना चाहते की ज़िद्द और किस्मत एक नहीं है। हमारा भ्रम हमे ये मानने ही नहीं देता की कुछ बाते हमे होश मे तय करना होता है भ्रम मे नहीं। Heart touching friendship story in Hindi – Friend With Benefits | Unique friendship stories

भ्रम हमे सच से दूर कर देता है। और जब तक ये समझ आता है बहुत देर हो जाती है। हम चाहे कितनी भी मुश्किल से क्यूं ना गुजर रहे होते है, एक आवाज आती है मन्न से कि सब अच्छा हो जाएगा। और ऊपर से हमारे पूर्वज के कहावतें “भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.” 

कहने वाले तो कुछ सोच समझ कर और अपने ज़िन्दगी को आंकते हुए कहा पर आज कि पीढ़ी पर आज के मां बाप इसे एक अलग ही दिशा दे चुके है। कभी कभी हम भी इस जूठ के दामन को छोड़ना नहीं चाहते क्यूंकि शायद हमे अंधेरे से डर लगता है। 

कितने लोग तो भ्रम को विश्वास, आस्था का नाम दे देते है। 

विश्वास और भ्रम मे बहुत पतली सी रेखा होती है। जब हम सही दिशा में कुछ करने के लिए प्रेरित होते है और उसे पूरा होने की इच्छा रखते है तो वो विश्वास कहलाता है।

 लेकिन, जब हम कोई काम बस यूं ही करते है, और बिना कोई सही वजह के बस भगवान भरोसे होते है और पूरा होने की लालसा रखते है तो ये भ्रम कहलाता है। 

इसी बात को रोहिणी भी समझ नहीं पा रही थी। भरोसे और भ्रम के मंज़र में कुछ ऐसी फसी थी कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि इन सब परिस्थितियों से कैसे निकले। दिल्ली की  एक छोटे जगह मुखर्जी नगर की रहने वाली है। 

 

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सपने ढेर सारे और उन्हें पूरा करने का जुनून भी, पर किस्मत के आगे मजबूर। अपने दोस्तो को जान से जायदा प्यार करती है और उनका हमेशा साथ देती है। मदद करने के नाम पे हमेशा तैयार रहती है। 

रागिनी, रोहिणी की बहुत अच्छी दोस्त है और रोहिणी रागिनी को बहुत प्यार करती है। हमेशा उसकी मदद करती है। रागिनी को जब भी रोहिणी कि ज़रूरत होती, रोहिणी हमेशा हां ही कहती। 

बहुत गहरी दोस्ती थी, ऐसा सबको लगता था और रोहिणी को भी। पर को दिखता है क्या वो हमेशा सच होता है? शायद नहीं.. हमेशा तो बिल्कुल नहीं। इसे भी औरो की तरह यही भ्रम था कि उसकी दोस्ती सबसे ख़ास है और सबसे अलग। 

पर..आज यही तो लोग समझ नहीं पाते कि सच्चाई जो दिखे सिर्फ वो उस इंसान के लिए होता है जो उसे वैसे देख रहा है, ना की सभी के लिए। 

 रोहिणी का भ्रम उस दिन टूट गया जब रागिनी एक छोटी सी बात पर रोहिणी से लड़ पड़ी। दरअसल, कुछ दिनों से रागिनी काफी परेशान लग रही थी। रोहिणी ये सब कुछ देख रही थी, सब कुछ उसे समझ आ रहा था कि उसकी दोस्त परेशान है। पर वो कुछ कर नहीं पा रही थी। रोहिणी को बुरा लग रहा था कि उसकी दोस्त परेशान है और वो कुछ नहीं कर पा रही। इसीलिए उसने सोचा कि क्यों न रागिनी के प्रॉब्लम का सॉल्यूशन दुंढ़ ली जाए। रागिनी अपनी निजी जिंदगी को लेकर परेशान थी। उसका झगड़ा उसके होने वाले पति से हो गया था जिसे रागिनी बहुत प्यार करती है। 

Heart touching friendship story in Hindi – Friend With Benefits | Unique friendship stories

रोहिणी ने हमेशा उन दोनो को हंसते खेलते देखा था। और आज ये मायूसी रागिनी के चेहरे पे उससे देखा नहीं गया। तो रोहिणी ने एक तरकीब सोची। उसने सोचा क्यूं न रागिनी के होने वाले पति से बात की जाए और पूछा जाए कि आखिर हुआ क्या हैं। क्यूं आज दोनो एक दूसरे से बात नहीं कर रहे जो कल तक एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। रोहिणी ने बात भी कि.., और उसे बात करके ऐसा लगा कि बात अभी तक खत्म नहीं हुई। अभी भी कुछ जो सकता है। तो उसने रागिनी के होने वाले पति रजत को समझाया, और ये सारी बात रोहिणी ने रिकॉर्ड कर ली ताकि रागिनी इसे सुने और अपने रिश्ते की कड़वाहट को दूर कर सके। 

कभी कभी हम गुस्से मे एक दूसरे को समझ नहीं पाते। चाहे वो रिश्ता कितने भी लंबे समय से क्यों ना हो, गलतफहमी एक ऐसी दीवार है जो हमे कभी ना कभी झेलना पड़ ही जाता है हमारे रिश्ते में। पर अगर वक्त पे इसे समझा ना जाए तो ये और बड़ी होती चली जाती है। और कभी कभी हमारे रिश्तों को टूटने कि वजह भी बन जाता है। 

और रोहिणी को यही लगा कि दोनो के बीच गलतफहमी आ गई है जिसे वो ठीक करना चाहती थी। पर उसका भ्रम उसे रोने पे मजबूर कर देगा ये उसे नहीं पता था।

रजत रोहिणी को बहन मानता था, और रोहिणी भी उसे भाई कि तरह ही मानती थी। रागिनी को कोई दिक्कत नहीं थी उनके भाई बहन के रिश्ते से। बस गलती तो ये हुई की रोहिणी ने उन दोनों को अपना मान लिया। 

रागिनी नहीं चाहती थी कि रोहिणी रजत से बात करे उन दोनों के रिश्ते को लेकर। वो खुद ही सब ठीक करना चाहती थी। 

रागिनी दिल की बुरी नहीं है, पर ये कहा कि समझदारी है एक रिश्ते के लिए सारे रिश्ते को दर किनार कर दे। क्या जीवनसाथी के अलवा कोई रिश्ता मायने नहीं रखता। 

Heart touching friendship story in Hindi – Friend With Benefits | Unique friendship stories

 

जब ये बात रागिनी को पता चली तो उसने रोहिणी से कहा, की तुम्हे मैंने नहीं कहा था रजत से बात करने। ये बात रोहिणी को दिल पे लग गई और रोहिणी ने अपने आप से एक वादा किया की चाहे कुछ भी हो जाए, अब वो कभी भी किसी के इतने करीब नहीं आएगी की उसे जब कोई खुद से दूर करे तो उसे तकलीफ हो..। 

ये सारी बात सुन कर रोहिणी ने अपने आसूं को रोक लिया पर हमेशा के लिए। 

उस दिन रोहिणी का भ्रम टूट गया कि आज कि दुनिया में दोस्ती और वो भी सच्ची वाली मिल सकती है। आज बस आप कुछ अपने दोस्त के लिए अच्छा करो और वो कुछ आपके लिए करेगा बदले में। यही तक दोस्ती सीमित रह गई है। 

जब तक कोई ना कहे किसी की मदद ना ही करो तो अच्छा है, वरना वही होगा जो रोहिणी और रागिनी के रिश्ते में हुए है। 

आज ये दोनों दोस्त तो है लेकिन अब शायद पहले जैसी दोस्ती नहीं रही। ना वो घंटो तक हसना, ना एक दूसरे की टांग खींचने और ना ही वो बाते करना जिसका कोई मतलब नहीं होता था फिर भी घंटो बाते होती थी। 

रोहिणी का भरोसा तो ऐसे टूटा है कि अब शायद ही कभी किसी पे कर पाए। 

 

मेरे सारे पढ़ने वालों, क्या आपने भी कभी किसी से ऐसी दोस्ती की है। आपको क्या लगता है कौन सही है – रागिनी या रोहिणी। हमे comment करके ज़रूरी बताए। 

 

अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ share ज़रूर करे। 

और अगर कोई सुझाव या किसी अलग टॉपिक पे कहानी पढ़ना चाहते है तो हमे comment करके आप बता सकते है।

तब तक के लिए घर में ही रहिए सुरछित रहिए।

आपके कीमती समय के लिए शुक्रिया।

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