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Short Motivational Story in hindi for Success|| सोच बदलने वाली कहानी
हैलो दोस्तो, मैं हूं आकांक्षा कश्यप और आप सभी का स्वागत हैं मेरे ब्लॉग STORY OBSESSION पर। अगर आप भी एक ऐसी सोच के शिकार हैं जिन्हें लगता हैं कि उनकी लाइफ में कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता और उन्हें motivation की जरूरत है तो ये कहानी आपके लिए आपकी सोच बदलने वाली कहानी हो सकती है।
आज मैं आपको दो short motivational story सुनाने जा रहीं हुं। और ये Real life story है जो मुझे मेरी मां ने सुनाया था। अगर आपको औरInspirational story पढ़नी है तो ज़रूर पढ़े।
1.भरोसा
दोस्तो ये कहानी है भगवान पर भरोसे की। अगर आप भी भगवान पर भरोसा नहीं करते तो ये motivational स्टोरी आपको भगवान पर भरोसा करने के लिए motivate करेगी।
एक बार की बात है एक आदमी ऑफिस से घर जा रहा था की तभी कुछ सब्जी के ठेले दिखे तो उसने सोचा कुछ सब्जियां घर लेता चालू। एक सब्जी के ठेले पर जाता है और सब्जी वाले को ढूढने लगता है। क्योंकि उस ठेले पे सब्जी तो थी पर कोई सब्जी वाला नही था।
वो बस जाने ही वाला होता है की उसकी नजर उस बोर्ड पर जाती है जो इस सब्जी वाले ने अपनी ठेले पर लगाई थी। उस पर लिखा था की मेरे जितने भी ग्राहक आए है अगर किसी को कोई सब्जी लेनी है तो दाम इस चिट्ठी के नीचे लिखी हुई है आप समझ कर दे देना। और सब्जी खुद तौल कर लेते जाना।
दरअसल मेरे पिता बहुत बीमार रहते है। और मेरे घर ने उनकी देख रेख करने वाला मेरे अलावा कोई और नहीं है। तो मुझे उन्हें देखने बार बार जाना पड़ता है। पिता जी बूढ़े हो गए है और मैं नहीं चाहता की मेरे गैर मौजूदगी में उन्हें कुछ हो जाए।
इसीलिए आप आओ सब्जी लो, और पैसे दे दो या नही है तो कोई बात नही फिर कभी दे देना।
वो आदमी आश्चर्य से भर गया उसे लगा आज के जमाने में कोई इतना भरोसा कैसे कर सकता है। लेकिन उसे देर हो रही थी तो उसने सब्जी ली और चला गया। जब पैसे रखने लगा तो देखा की हां, सच में लोग पैसे तो रख कर जाते है। तो उसने भी अपने पैसे रखे और चला गया।
एक दिन ऐसे ही शाम का वक्त था और हर दिन की तरह ऑफिस से घर जा रहा था वो आदमी तभी उसने उस ठेले वाले को देखा की वो अपना ठेला लेकर घर जा रहा था। उसने उससे बात करनी चाही और अपनी गाड़ी साइड में लगा कर बात की।
उसने पूछा की आप अपना ठेला इतने भरोसे के साथ लगा कर छोड़ देते है। कभी टेंशन नहीं होती की कोई पैसे नही देगा तो। उस ठेले वाले ने कहा की नही साहब मेरे माता पिता भगवान पे बहुत भरोसा करते है और मैं अपने माता पिता पर। उन्होंने कहा की तू जा कर रख दे। भगवान पर भरोसा कर तेरे साथ कभी धोखा नहीं होगा।
और तब से मैं आज तक यही करता हूं। मैं बीच में कभी देखने तक नहीं जाता और पैसे तो कभी कम नहीं हुए कभी कभार जायदा ही रहते है।
दोस्तों, इस कहानी में सिंपल सी सिख है की भरोसा वो चीज है जो जूठ को भी सच बना देता हैं। इस प्रेरणादायक हिंदी कहानी से आपको क्या सिख मिली मुझे comment box करके बताना।
2. तुम सब कुछ कर सकते हो – Motivational Story in hindi for students
ये कहानी है आत्म विश्वास की, अगर आप खुद पर भरोसा करते है तो आपको कोई नही हरा सकता।
एक बार की बात हैं एक गांव में दो छोटे बच्चे रहते थे और दोनो जिगरी दोस्त थे। दोनो की उम्र जायदा नही थी एक की उम्र 6 साल थी और दूसरे की 7 साल। दोनो साथ खेलते, साथ पढ़ते, साथ में ही सारी चीज़े करते।
एक दिन जब दोनो खेल रहे थे तो खेलते खेलते उन्हें ये पता हीं नहीं चला की कब वो गांव से दूर एक फील्ड में आ गए। वहां पर एक कुआं था। दोनो खेलने में इतना मशगूल थे की अचानक से एक बच्चा जो 7 साल का था वो उस कुएं में गिर गया।
दूसरा बच्चा डर भी रहा था और परेशान भी था की आखिर वो अपने दोस्त को कैसे बचाए। वहां पर कोई था भी नही और गांव से काफी दूर आ जाने की वजह से उनकी आवाज किसी के पास जा भी नहीं पा रही थी। और वो दूसरा छह साल का बच्चा अपने दोस्त को छोड़ कर जा भी नही सकता था।
तभी वहां पर एक रस्सी मिली उस बच्चे ने अपने दोस्त को वो रस्सी पकड़ाई और बोला की तू जोर से पकड़े रह मैं खीच रहा हूं। वो छह साल का बच्चा सात साल के बच्चे को खीच नही पा रहा था लेकिन वो कोशिश कर रहा था की कैसे भी उसका दोस्त ऊपर आ जाए।
काफी देर लगा पर वो बच्चा अपने दोस्त को कुएं से निकलने में सफल हो गया और वो दोनो गांव आ गए। गांव आने के बाद जब ये बात गांव वालो को पता चली तो किसी ने भरोसा नही किया सिवाय एक बाबा के जो बड़े ज्ञानी और होनहार थे।
जब सबको ये बात पता चली की वो बाबा उन बच्चो की बात का भरोसा कर रहे हैं तो सबको लगा की कोई बात तो है। क्योंकि वो कभी जूठ नही बोलते और अगर वो मानी रहे है तो कुछ बात होगी जरूर और इसीलिए सभी लोग इस बाबा से पूछने पहुंचे की आप क्यों भरोसा कर रहे है।
बाबा की बात सुनने के लिए सारे लोग बेताब थे। वो बाबा ने जो कहा वो सुन कर आप भी मोटिवेट हो जाएंगे। वो बाबा ने कहा की ये बच्चे इसीलिए ऐसा कर पाए क्योंकि वहां पर इनसे ये कोई कहने वाला नही था की ये काम तुम नहीं कर सकते। और इसीलिए इन्होंने इस काम को आसानी से कर लिया।
2. आखिर क्यूं (Best Motivational Story in Hindi)
वक्त हमेशा एक जैसा नही होता, ये तो हम सभी जानते है। पर, इस सच को याद रख पाना हर किसी के लिए मुमकिन नही है। क्या आपके लिए है? खुद से एक बार सवाल जरूर करना। अगर जवाब हां है तब तो लाइफ भी कंट्रोल में होगी, इस बात की गारंटी दे सकती हूं। और अगर जवाब ना है तो…। आज की short motivational story in Hindi आपको पसंद आए यही इच्छा है मेरी।
ये कहानी है रूप की, जिसकी जिंदगी भी ऐसी ही “आखिर क्यूं” में सिमटी हुई थी। और तब तक रही जब तक उसे इस सवाल का जवाब नही मिल गया। और तब तक जब तक इस सच को दिल से उसने मान नही लिया और उसका तोड़ भी निकाला।
रूप, जैसा नाम वैसे ही दिखने में लगती है। सावला रंग पर चेहरे की खूबसूरती ऐसी की चांद की खूबसूरती को फीका कर दे। उसकी हंसती हुई आंखें जैसे मोतियों की तरह चमकते है। अपने बालो से बेहद प्यार करने वाली। जोर से हंसना पसंद है पर फिर भी धीरे से हंस लेती है क्योंकि वो जिसे प्यार करती है उसे ऐसा बेहैऔर पसंद नही।
खैर, उसकी निजी जिंदगी की बाते तो बाद में करेंगे। रूप पेशे से राइटर है। खुद की किताबे लिखती है और लोगो के दिलो तक पहुंचाती है। कैरियर में उतार चढाव अभी तक इतना देखा की आगे के लिए हमेशा तैयार रहती है। पर फिर भी दिल तो दिल है, दुखी थोड़े ही देर के लिए सही होती तो है। Short Motivational story in Hindi पढ़ने का बड़ा शौक रखती है। इसके साथ साथ और भी तरह के किताबे पढ़ती है।
अपने करियर में खुश रहना उसके लिए जितना महत्व रखता था उससे ज्यादा अपनी निजी जिंदगी में खुश रहना था। प्यार में पागलों वाली हरकत करना उसे इतना पसंद था की बस हमेशा वो ऐसे ही करते रहे। पर, जैसा हम सोचते हो वैसा हर बार तो नहीं होता न।
रूप राज को बहुत प्यार करती है। राज भी उसे प्यार करता है। पर, जब भी रूप किसी बात के लिए जिद्द करती तो राज गुस्सा करने लगता। शुरू शुरू में तो राज प्यार से समझाता था और गुस्सा भी नही करता था। लेकिन, अब राज सिर्फ गुस्सा ही नही बल्कि उस पर हाथ भी उठा देता है। रूप इन सारी हरकतों से परेशान हो रही थी। उसे समझ नही आ रहा था की राज अचानक से ऐसे क्यों बिहेव कर रहा है।
पर फिर भी उसे मौका दिए जा रही थी। धीरे धीरे राज रूप पर छोटी छोटी बातो को लेकर गुस्सा करने लगा। चिढ़ जाता था। रूप की अच्छी बाते भी राज को खटकती थी। राज गुस्से में उसे भला बुरा भी कहा देता, जिस बात का रूप पर बहुत बुरा असर होता था। लेकिन, फिर भी वो चुप रह जाती। उसे लगता था की शायद कोई बात होगी इसलिए या उसी ने कुछ ज्यादा कह दिया तो राज गुस्सा करने लगा।
रूप की ये गलती रूप को ही अंदर से खाए जा रही थी। उसका सेल्फ कॉन्फिडेंस, उसका प्यार सब खोखला होते जा रहा था। उसका प्यार पर से भरोसा उठता ही जा रहा था। रूप खुद को बहुत समझाने की कोशिश कर रही थी पर राज का बिहेवियर उसे हर बार निराश कर देता। राज का मूड जब अच्छा होता तो राज उसे कहता की वो ऐसा नहीं है पर अब चिढ़ने लगा है छोटी छोटी बातो पर।
ये सुन कर रूप उसे माफ कर देती। रूप के दिल में प्यार इतना ज्यादा था की रूप चाह कर भी राज से दूर नही जाना चाहती थी। वो मौका देते गई और राज कभी सॉरी कह कर तो कभी कुछ कह कर उसे हर्ट किए जा रहा था। इतना कुछ होने पर जब कुछ दिन बाद राज रूप से मिलता तो रूप उसे कस कर गले लगा लेती। राज भी उस वक्त रूप को खूब प्यार करता और उसे स्पेशल फील कराता।
रूप को लगने लगा की पहले जो हुआ सो हुआ अब ऐसा नही होगा। राज राजस्थान चला गया अपने सपने पूरे करने और रूप दिल्ली। रूप राज से मिलने राजस्थान चली गई राज ने एक दिन उसे बहुत पंपर किया। दूसरे दिन भी बहुत अच्छा गया। तीसरे दिन दोनो घूमने गए और वहां रूप की एक आदत राज को खटक गई। राज उसी जगह पर रूप को डाटने लगा। रूप को थोड़ा बुरा लगा पर वहां पर वो चुप रही।
दोनो घूम कर आ गए। रूप मन ही मन खुद के लिए बुरा महसूस कर रही थी और राज उसे ही देखे जा रहा था। राज समझ गया था की रूप को बुरा लगा है और वो इसीलिए चुप है। रूप जब से बाजार से आई है बस चुप चाप अपने काम में लगी है। राज से कुछ भी नही कह रही। राज ये सब देख रूप को मनाने जाता है। रूप ऐसा दिखाती है की वो ठीक है, कुछ नही हुआ। पर वो अपने आसूं रोक नही पाती और रो जाती है।
राज उसे गले लगाता है पर रूप के मन में अलग ही एक दुनिया चल रही थी। रूप मन ही मन ये तय कर चुकी थी की अब बस हुआ। आज हद हो गई सारी बदतमीजी की, राज ने बाजार में सबके सामने उससे बदतमीजी की थी। और ये बात उसे गवारा नहीं था। रूप ने अपना रिश्ता खत्म करने का मन बना लिया था। और अगले ही दिन उसने अपना सामान पैक किया और दिल्ली आ गई। राज ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की पर वो नही मानी।
उसके अंदर का घाव उसे ये भूलने नही दे रहा था। राज कुछ नही कर पाया। क्योंकि अब रूप किसी की सुनने वाली नही थी। रूप दिल्ली आ कर राज से बात करना छोड़ दिया और अपने कैरियर पर ध्यान देने लगी।
मॉरल इस कहानी से –
1.रिश्ता दोनो लोगो के बीच होता है और एक बंधन में कोई बड़ा नही, कोई छोटा नही होता। इसलिए अगर सामने वाला ऐसा करता है तो आप उसे नजर अंदाज करने के बजाय बात की गहराई को समझे।
2. हम लड़कियां अक्सर दूसरा मौका देते रहते है ताकि जिससे हम प्यार करते है वो हमे छोड़ कर न चला जाए। लेकिन, ये कभी किसी प्रोब्लम का सॉल्यूशन नही है। ये अपमान है आपका और आपके रिश्ते का भी। इसलिए सोचिए की और सही डिसीजन लीजिए। सुधरने का कोई वक्त नहीं होता। जब आंखे खुल जाए तब समझ लीजिए।
आपको हमारी आज की motivational story in Hindi कैसी लगी। हमे कमेंट करके जरूर बताएं। अगर पसंद आई हो तो इसे Like और Share करना ना भूलें।
निराशा के लिए ये motivational Story उनके लिए है जो अपनी लाइफ में निराश रहते है। हां कुछ लोग सबकी लाइफ में होते है जो आपको नेगेटिव बाते कहेंगे लेकिन आप उसको कैसे लेते हो ये आप पर डिपेंड करता है।
दोस्तो आपको ये motivational story कैसी लगी ये comment box में जरूर बताना।
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मिलते है नेक्स्ट कहानी में।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!